एक बार, कंचन और उसके 3 दोस्त, फोरेस्ट ट्रिप पर गए। सभी, आगे बढ़ रहे थे, तभी अचानक, एक नुकीले पत्ते से, रोहन का हाथ कट गया। वो चिलाने लगा, जोर-जोर से रोने लगा। ये देखकर, आशीष मुस्कुरा कर कहता है - कोई बात नहीं, जो होता है, अच्छे के लिए होता है। ये सुनकर, वो बौखला उठा। कहने लगा- मेरा हाथ कट गया, और तुम बोल रहे- ये अच्छे के लिए हुआ। गुस्से में वहां से अकेला ही, जंगल के दूसरे रास्ते पर चला गया। कुछ ही दूर पहुंचा, तो कुछ आदिवासियों ने उसे किडनैप कर लिया। उसे रस्सी से बांधकर, उलटा लटका दिया। और उसके चारों ओर नाचने लगे। तभी एक आदिवासी की नजर, लड़के के हाथ पर गई। वो कहने लगा- हम इसकी बलि नहीं दे सकते, ये अशुद्ध है। और उसे छोड़ देते हैं।
वो भागता हुआ, अपने दोस्तों को ढूंढने लगा। जब उनके पास पहुंचा, तो आशीष से माफी मांगते हुए कहता है- तुम ठीक कह रहे थे, जो होता है, अच्छे के लिए होता है। मैने तुम्हे गलत कहा, मुझे माफ कर दो। आशीष फिर कहने लगा- जो होता है, अच्छे के लिए होता है। वो कहता है, क्या तुम पागल हो, मैंने तुम्हें बुरा भला कहा, अब इसमें क्या अच्छा है। आशीष बोला- इसमें ये अच्छा है कि अगर मैं, तुम्हारे साथ गया होता, तो वो लोग मेरी बलि दे देते। हो सकता है- आप भी कई परेशानियों से गुजर रहे होंगे। लेकिन, जिंदगी में पीछे मुड़कर देखेंगे, तो आपको खुद एहसास होगा कि जो कुछ भी हुआ था, वो अच्छे के लिए हुआ था।